ATM full form in hindi, atm ka full form kya hai, एटीएम का दूसरा नाम क्या है, एटीएम को हिंदी में क्या कहते हैं, एटीएम के आविष्कारक कौन है, भारत में एटीएम की शुरुआत कब हुई, एटीएम का पूरा इतिहास जानने के लिए इस लेख को पूरा पढ़ें।
दोस्तों एटीएम के अविष्कार के बाद हमें बैंक में जाकर पैसा निकालने या जमा करने के लिए लंबी-लंबी कतारों में नहीं लगना पड़ता है एटीएम के आने से मानव जीवन काफी सरल हो गया है, और एटीएम की मदद से अब हम कहीं भी और किसी भी वक्त पैसा निकाल सकते हैं।
पर क्या आपको पता है ATM full form in hindi, एटीएम का इतिहास क्या है, किसने एटीएम को बनाया और भारत में एटीएम की शुरुआत कब हुई थी, आप में से बहुत ही कम लोगों को इन सभी सवालों का जवाब पता होगा।
दोस्तों अगर आप एक स्टूडेंट है तो आपके लिए इन सभी सवालों के जवाब जानने का भी ज्यादा जरूरी है। आज के इस लेख में हमने आपको विस्तार पूर्वक एटीएम से संबंधित सभी सवालों के जवाब दिए हैं तो आइए जानते हैं एटीएम क्या है और एटीएम का फुल फॉर्म हिंदी में क्या होता है।
Contents
- 1 एटीएम को हिंदी में क्या कहते हैं? (ATM ka full form kya hoga)
- 2 Atm का हिंदी में पूरा अर्थ समझे
- 3 एटीएम का दूसरा नाम क्या है? | एटीएम के दूसरे अन्य फुल फॉर्म
- 4 ATM का इस्तेमाल कैसे होता है? (How to use ATM card)
- 5 ATM के लाभ क्या है?
- 6 ATM के नुकसान क्या है?
- 7 Atm कितने प्रकार के होते है
- 8 ATM का इतिहास: एटीएम के आविष्कारक कौन है?
- 9 Facts about atm: एटीएम मशीन से जुड़े रोचक तथ्य
- 10 FAQ’s: एटीएम से संबंधित सवालों के जवाब
- 10.1 Q1: एटीएम का आविष्कारक कौन है?
- 10.2 Q2: दुनिया में पहली एटीएम मशीन कहां लगाई गई थी?
- 10.3 Q4: भारत में पहला एटीएम किस बैंक में और कब लगाया गया था?
- 10.4 Q5: भारत में एटीएम की शुरुआत कब हुई?
- 10.5 Q6: बैंक का आविष्कार कब हुआ था?
- 10.6 Q7: भारत में एटीएम की शुरुआत करने वाला पहला बैंक कौन सा था?
- 10.7 Q8: एटीएम कितने साल की उम्र में बनता है?
- 11 Conclusion:
एटीएम को हिंदी में क्या कहते हैं? (ATM ka full form kya hoga)
ATM का फुल फॉर्म अंग्रेजी भाषा में “ऑटोमेटिक टेलर मशीन” (Automated Teller Machine) होता है और एटीएम का फुल फॉर्म हिंदी भाषा में “स्वचालित टेलर मशीन” होता है।
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Atm kya hai: Atm एक ऐसी इलेक्ट्रॉनिक मशीन है, जिसका इस्तेमाल करके हम कुछ ही सेकंड में पैसे निकाल सकते हैं और पैसे निकालने के साथ-साथ हम अपने बैंक खाते की शेष राशि पता कर सकते हैं, किसी दूसरे खाते में पैसा भेज सकते हैं, अपने बैंक खाते की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
दोस्तों आज भी हमारे भारत देश में बहुत से ऐसे गांव हैं, जहां के लोग एटीएम और एटीएम की फुल फॉर्म को नहीं जानते हैं और कुछ ऐसे लोग भी हैं, जो एटीएम को “पैसे निकालने वाली मशीन” के नाम से जानते हैं।
यहां अगर हम पब्लिक की राय जाने की एटीएम की फुल फॉर्म क्या है और एटीएम को आप किन किन नामों से जानते हैं तो उनके जवाब कुछ इस तरह से हमें देखने को मिलते हैं।
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Atm का हिंदी में पूरा अर्थ समझे
दोस्तों अभी हमने जाना एटीएम का फुल फॉर्म क्या होता है पर अब हम जानेंगे एटीएम का हिंदी में पूरा अर्थ क्या निकलता है एटीएम को हिंदी में आप किस तरह से समझ सकते हैं, तो आइए जानते हैं।
- वह यंत्र जिससे मुद्रा की निकासी की जाती है।
- एक ऐसा यंत्र जिससे पैसा निकाल सकते हैं।
- पैसों का निकास करने वाली मशीन
- पैसों का निकास करने वाला यंत्र
दोस्तों एटीएम की जानकारी नहीं रखने वाले को अगर हम यहां बताए गए शब्दों का इस्तेमाल करके उसे एटीएम के बारे में पूछते हैं या उसे एटीएम की जानकारी देते हैं, तो उसे तुरंत ही समझ में आ जाएगा की एटीएम अर्थात ऑटोमेटिक टेलर मशीन क्या होती है।
मुझे उम्मीद है आपको एटीएम की फुल फॉर्म की पूरी जानकारी प्राप्त हो गई होगी, अगर आपका एटीएम की फुल फॉर्म से रिलेटेड कोई भी सवाल हो तो आप हमें कमेंट करके पूछ सकते हैं, या एटीएम को लेकर आपकी कोई राय हो तो वह भी हमें कमेंट में बता सकते हैं।
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एटीएम का दूसरा नाम क्या है? | एटीएम के दूसरे अन्य फुल फॉर्म
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ATM का इस्तेमाल कैसे होता है? (How to use ATM card)
दोस्तों एटीएम का इस्तेमाल करने के लिए हमारा किसी भी बैंक के अंदर खाता होना आवश्यक होता है और बैंक में खाता होने के बाद हमें बैंक में जाकर एटीएम कार्ड बनवाना होता है, जोकि एटीएम से पैसे निकालने में हमारी मदद करता है।
बैंक में जाकर हम जो एटीएम कार्ड बनवाते हैं, वह प्लास्टिक का होता है और उस पर एक “Magnetic strip” लगी हुई होती है, जिसके अंदर हमारे बैंक खाते की पूरी डिटेल होती है, जिसे कोई भी नहीं पढ़ सकता है, हर एटीएम कार्ड का 4 डिजिट का पिन होता है,
एटीएम से पैसे निकालने के लिए हमें अपने एटीएम कार्ड के साथ साथ अपने एटीएम पिन को भी याद रखना होता है, क्योंकि बिना एटीएम पिन और बिना एटीएम कार्ड के हम एटीएम मशीन से पैसा नहीं निकाल सकते हैं।
एटीएम मशीन से पैसे निकालने के लिए हमें एटीएम मशीन के अंदर अपना एटीएम कार्ड डालना होता है और उसके बाद हमें एटीएम मशीन के अंदर से जितने पैसे निकालने हो उतना अमाउंट भरकर हमें अपने कार्ड का 4 डिजिट का पिन डालना पड़ता है,
जैसे ही हम अपने एटीएम कार्ड का पिन डालते हैं, तो उसके बाद मशीन से हमें ऑटोमेटेकली पैसे प्राप्त हो जाते हैं और इस तरह से हम एटीएम मशीन का इस्तेमाल करके अपने बैंक खाते से पैसे निकाल सकते हैं।
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ATM के लाभ क्या है?
No 1: एटीएम के इस्तेमाल के बाद अब लोगों को बैंक खाते से पैसा निकालने के लिए लाइन में नहीं लगना पड़ता है।
No 2: एटीएम के जरिए कुछ ही सेकंड में पैसा निकाल सकते हैं।
No 3: एटीएम कार्ड की मदद से आप किसी भी बैंक की एटीएम मशीन से पैसे निकाल सकते हैं।
No 4: अगर आप एटीएम का इस्तेमाल जरूरत पड़ने पर ही करते हैं, तो आपको एटीएम से पैसे निकालने का कोई भी चार्ज नहीं देना पड़ता है।
No 5: एटीएम की मदद से आप 24 घंटे में कभी भी पैसा निकाल सकते हैं,
No 6: एटीएम कार्ड की मदद से आप ऑनलाइन शॉपिंग भी कर सकते हैं।
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ATM के नुकसान क्या है?
No 1: अगर हमारा एटीएम कभी खो जाता है और वह किसी और के गलत हाथों में लग जाता है, तो वह व्यक्ति हमारे एटीएम की मदद से ऑनलाइन शॉपिंग कर सकता है और साथ ही पैसा भी निकाल सकता है।
No 2: एटीएम कार्ड खाफ़ी छोटा होता है और उसके छोटे होने के कारण वह हमसे कहीं भी गुम हो सकता है और अगर हमारा कार्ड गुम हो जाता है, तो ऐसे में हमारे बैंक का पैसा खतरे में रहता है जिसे कोई भी निकाल सकता है,
No 3: एटीएम को इस्तेमाल करने की कुछ लिमिटेशंस होती है, जैसे कि कई बैंकों के अंदर एटीएम से रोज पैसा निकालने की लास्ट लिमिट 25 से ₹30000 ही होती है, इससे ज्यादा का अमाउंट आप 1 दिन में एटीएम से नहीं निकाल सकते हैं,
No 4: ATM card को आप महीने में 10 से 15 बार ही इस्तेमाल कर सकते हैं, इससे ज्यादा इस्तेमाल करने पर आपको अतिरिक्त चार्ज देना होता हैं।
No 5: एटीएम कार्ड को हमेशा दूसरों से बचा कर रखना पड़ता है।
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Atm कितने प्रकार के होते है
दोस्तों एटीएम कई प्रकार का हमें देखने को मिलता है और समय-समय पर जरूरत के हिसाब से एटीएम में काफी ज्यादा बदलाव किए जाते हैं, जिसे एक नए नाम से मार्केट में लाया जाता है,
इसलिए दोस्तों एटीएम कितने प्रकार का होता है, यह बताना काफी मुश्किल है बाकी हमारी नजर में अभी तक जितनी भी एटीएम मार्केट में मौजूद है, उन सभी के बारे में हमने यहां आपको डिटेल में जानकारी दी है तो आइए उन सभी एटीएम के बारे में जानते हैं।
Offline ATM: दोस्तों offline ATM बैंक शाखा के डेटाबेस से जुड़ा हुआ नहीं रहता है, offline ATM को आप सिर्फ उसी बैंक के एटीएम में इस्तेमाल कर पाएंगे, जिस बैंक के अंदर आपका खाता रहता है,
Online ATM: बैंक शाखा के डेटाबेस से ऑनलाइन जुड़ा रहता है, जिस का सबसे बड़ा बेनिफिट हमें यह मिलता है कि इस तरह के atm को हम कहीं भी किसी भी शहर में जाकर वहां के एटीएम को इस्तेमाल कर सकते हैं,
White Label ATM: दोस्तों White Label ATM NBFC के द्वारा लगाए जाते हैं, और NBFC एक फाइनेंसियल इंस्टिट्यूट है, जिसका पूरा नाम “Non-Banking Financial Companies” है और यह बैंक की तरह काम नहीं करते हैं, इस तरह की कंपनी से आप लोन ले सकते हैं, पर इनमें deposit नहीं कर सकते हैं,
दोस्तों NBFC कंपनी “रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया” के अप्रूवल के बिना कहीं भी atm नहीं लगा सकती है, इन्हें एटीएम लगाने के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया से अप्रूवल लेना पड़ता है,
Brown Label ATM: दोस्तों Brown Label ATM को कोई भी बैंक नहीं लगाता है, इस तरह के atm किसी (3rd) थर्ड पार्टी द्वारा लगाए जाते हैं, पर दोस्तों इस तरह के एटीएम की कनेक्टिविटी और इस तरह के एटीएम में डाले जाने वाले पैसे का पूरा हिसाब किताब बैंक के पास रहता है,
बैंक ही इस तरह के एटीएम में पैसा डालता है, साथ ही इसकी जो कनेक्टिविटी यानी कि इसका सॉफ्टवेयर भी बैंक का ही होता है, साथ ही इस तरह के एटीएम पर बैंक अपने का नाम का poster लगाकर रखता है ना कि थर्ड पार्टी जिसका यह एटीएम रहता है, वह कोई भी नाम नहीं लगाती है,
दोस्तों आज के समय में हमें इस तरह के एटीएम ही ज्यादा लगे हुए देखने को मिलते हैं, क्योंकि बैंकों को इस तरह के एटीएम से काफी ज्यादा बेनिफिट होता है।
Green Label ATM: इस तरह के एटीएम का इस्तेमाल काफी कम किया जाता है, क्योंकि इस तरह के एटीएम agriculture से रिलेटेड होते हैं, यानी कि यह एटीएम सिर्फ हमारे किसान भाइयों के लिए होते हैं,
Orange Label ATM: Orange Label ATM शेयर बाजार की ट्रांजैक्शन से रिलेटेड होते हैं।
Yellow Label ATM: Yellow Label ATM e-commerce के लिए होते हैं।
Pink Label ATM: Pink Label ATM woman बैंकिंग के लिए प्रदान किए जाते हैं, यानी कि इस तरह के एटीएम सिर्फ महिलाओं के लिए होते हैं।
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ATM का इतिहास: एटीएम के आविष्कारक कौन है?
आप में से बहुत ही कम लोगों को यह पता होगा कि एटीएम मशीन का जिसने आविष्कार किया था, उसका जन्म हमारे भारत में ही हुआ था, जो कि हमारे लिए काफी ज्यादा गर्व की बात है,
एटीएम के आविष्कारक कौन है: Atm मशीन को “John Shepherd-Barron” ने बनाया है, John का जन्म भारत में 23 June 1950 को हुआ था, दोस्तों जॉन का कहना है कि एक समय वह बाथरूम में नहा रहे थे उस वक्त नहाते हुए उनके मन में यह ख्याल आया कि अगर एक मशीन चॉकलेट निकाल सकती है, तो फिर कोई मशीन पैसा क्यों नहीं निकाल सकती,
दोस्तों इसके बाद जॉन ने एटीएम मशीन के ऊपर काम करना शुरू कर दिया था और देखते ही देखते कुछ ही समय में उन्होंने एक एटीएम मशीन बना ली थी,
पूरी दुनिया में सबसे पहले एटीएम मशीन 27 जून 1967 को लंदन के इनफिल्ड कस्बे मैं लगाई गई थी, यही अगर हम हमारी भारत की बात करें तो भारत में सबसे पहले एटीएम मशीन को 1987 के अंदर मुंबई में स्थित HSBC बैंक में लगाया गया था।
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Facts about atm: एटीएम मशीन से जुड़े रोचक तथ्य
No 1: दोस्तों अगर आज के समय की बात की जाए तो हमारे भारत के अंदर 300000 से भी ज्यादा एटीएम इंस्टॉल किए गए हैं, यानी कि लगाए गए हैं,
No 2: महाराष्ट्र के अंदर एटीएम की संख्या सबसे ज्यादा देखने को मिलती है,
No 3: हमारे भारत देश में सबसे ज्यादा sbi बैंक की atm मशीनें लगाई गई है, जो की गिनती में 60000 से भी ऊपर जाती है,
No 4: भारत में सबसे पहला atm 1987 के अंदर मुंबई में स्टील HSBC बैंक में लगाया गया था,
No 5: पूरे विश्व में लगभग 3500000 से भी ज्यादा एटीएम मौजूद हैं,
Mobile ka aviskar: मोबाइल की खोज किसने की थी किसने मोबाइल का आविष्कार किया था यह जानकारी पढ़ने के लिए यहां दिए लिंक पर क्लिक करें।
FAQ’s: एटीएम से संबंधित सवालों के जवाब
Q1: एटीएम का आविष्कारक कौन है?
Ans: एटीएम मशीन का आविष्कारक “John Shepherd-Barron” है, और इनका जन्म भारत में हुआ था।
Q2: दुनिया में पहली एटीएम मशीन कहां लगाई गई थी?
Ans: दुनिया में सबसे पहले एटीएम मशीन 27 जून 1967 को लंदन के इनफिल्ड कस्बे मैं लगाई गई थी।
Q4: भारत में पहला एटीएम किस बैंक में और कब लगाया गया था?
Ans: भारत में सबसे पहला atm 1987 के अंदर मुंबई में स्थित HSBC बैंक में लगाया गया था।
Q5: भारत में एटीएम की शुरुआत कब हुई?
Ans: भारत के अंदर एटीएम की शुरुआत वर्ष 1987 में हुई थी।
Q6: बैंक का आविष्कार कब हुआ था?
Ans: बैंकों का आविष्कार ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के द्वारा 19वीं शताब्दी में आरंभ किया गया था, जिसमें सबसे पहले तीन बैंकों की शुरुआत की गई थी- बैंक ऑफ बॉम्बे, बैंक ऑफ़ मद्रास और बैंक ऑफ़ बंगाल।
Q7: भारत में एटीएम की शुरुआत करने वाला पहला बैंक कौन सा था?
Ans: भारत में एटीएम की शुरुआत करने वाला सबसे पहला बैंक “मुंबई में स्थित HSBC बैंक” है।
Q8: एटीएम कितने साल की उम्र में बनता है?
Ans: एटीएम कार्ड आप 18 साल की उम्र के पश्चात बनवा सकते हैं।
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Conclusion:
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हमें उम्मीद है आपको हमारा आज का यह लेख “ATM full form in hindi, एटीएम का इतिहास क्या है” पसंद आया होगा। इस लेख से संबंधित आपके मन में जो भी सवाल आ रहे हैं आप उन्हें कमेंट में पूछ सकते हैं और अपनी राय कमेंट द्वारा हमें बता सकते हैं।
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